लंभुवा नगर पंचायत में सुशील सिंह को मिल रहा है हर वर्ग के लोगों का समर्थन।

नगर निगम,नगर पंचायत का चुनाव अपने आखरी पड़ाव पर है
ऐसे में पहले चरण का मतदान हो चुका है,दूसरे चरण के लिए 11 मई को मतदान होना है ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों वा निर्दल प्रत्याशियों में जनता के बीच अपने अपने वादे और एजेंडे को लेकर होड़ सी मची है, नपा के चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी है ऐसे में अब प्रत्याशियों में जबानी जंग का दौर भी शुरू हो गया है। हम बात कर रहे है नगर पंचायत लंभुआ की। जहां आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। पहले तो आप को बता दे कि लंभुवा टाउन एरिया में पहली बार नगर पंचायत का चुनाव हो रहा है,अध्यक्ष पद के लिए लगभग 29 प्रत्याशियों ने आवेदन किया था, जिसमें 9 आवेदन रिजेक्ट हुए,जबकि 6 लोगों ने आवेदन वापस ले लिए, जिसके चलते अब लंभुवा नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए 14 प्रत्याशी मैदान में है, बड़ी राजनीतिक पार्टियों की बात करे तो समाजवादी पार्टी समेत कॉन्ग्रेस, बीजेपी, बहुजन समाज पार्टी समेत कई छोटे दलों के अलावा कुछ निर्दल प्रत्याशी भी इस चुनावी घमासान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।।
लंभुआ नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरे प्रत्याशियों में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।। निर्दल प्रत्याशी के रूप में विगत 10 वर्षों से ग्राम प्रधान रह चुके कुसुम सिंह पत्नी सुशील सिंह वा लंभुआ विधानसभा में जाने-माने समाजसेवी अवनीश सिंह अंगद भी ताल ठोक रहे हैं।
अवनीश सिंह अंगद पर बड़ा आरोप लगाते हुए सुशील सिंह ने कहा कि लंभुवा की जनता ने अपन मन बना लिया है, वो किसी समाजसेवी वा बाहुबली,धनबली के चक्कर में नही पड़ेगी,हमे AIMIM पार्टी का भी समर्थन है, ऐसे में हम आश्वस्त है की लंभुआ की जनता अपना प्यार और आशिर्वाद स्वरूप अपना मत हमारे पछ में अवश्य करेगी। उन्होंने अवनीश सिंह अंगद के समाज सेवा और विकास की गंगा बहाने के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा अब तक बीजेपी विधायक के साथ मंच साझा करते वा साथ रहते विकास क्यों नहीं कर पाए, लंभुआ की जनता ये सब जान रही है, सब झूठे वादे हैं, छलावा है, सम्मानित मतदाता अब उनके छलावे में नहीं आएगी, लंभुआ की जनता ने मन बना लिया है कि वह हमें अपना भरपूर समर्थन देते हुए 11 मई को हमारे पक्ष में मतदान करेगी। अब देखना दिलचस्प होगा इस चुनावी समर के आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब चुनावी अदावत और राजनीति किस तरफ करवट लेती है और लंभुआ की जनता अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों को चुनती है या फिर निर्दल प्रत्याशियों के सर पर जीत का सेहरा बांधते हुए ताज पहनआती है,ये तो आने वाले मतदान, और मतगड़ना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।। ब्यूरो रिपोर्ट।।