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'हिट एंड रन' के नए कानून को लेकर ड्राइवरों ने चक्के क्या रोके पब्लिक सबसे पहले पेट्रोल पंप की ओर दौड़ पड़ी।

'हिट एंड रन' के नए कानून को लेकर ड्राइवरों ने चक्के क्या रोके पब्लिक सबसे पहले पेट्रोल पंप की ओर दौड़ पड़ी। 



दो पहिया वाहन तो दूर चार पहिया वाहन चालक और मालिक टंकिया फुल कराते देखे गए। कही ना कही लोगों में ये भय सताया था कि हड़ताल के चलते टैंकर नहीं आया तो तेल की शॉर्टेज या उसका भाव बढ़ सकता है। वही सरकार के नए नियम से लोगों का मिला-जुला मत सामने आया है।नगर क्षेत्र में मंगलवार रात कई टंकियों पर लंबी कतारें देखने को मिली। कुछ एक पेट्रोल पंप संचालकों ने तो भीड़ बढ़ती देख आम दिनों की अपेक्षा पेट्रोल पंप जल्दी ही बंद कर दिए। पांच किमी शहरी क्षेत्र के अंदर लगभग 10 के आसपास पेट्रोल पंप हैं। इनमें एक-दो के अलावा सब पर बड़ी भीड़ रही। पेट्रोल पंप पर आलम ये रहा कि कुछ लोग तो 20 और 50 लीटर के गैलेन में पेट्रोलियम पदार्थ लेकर गए। वही अक्सर बाइक सवारों का नंबर आधे घंटे और एक घंटे बाद आया। इससे लोगों में सरकार को लेकर रोष था।

बस स्टॉप स्थित सपा के पूर्व विधायक के पेट्रोल पंप पर स्कूटी से आए एक 65 वर्षीय बुज़ुर्ग कई पेट्रोल पंप पर लंबी लाइन देखकर यहां पहुंचे तो मायूसी हाथ लगी। पंप समय से पहले बंद कर दिया गया था। लोगों ने उड़ा रखा है कि ड्राइवर्स वगैरह की हड़ताल चल रही है इसलिए भीड़ हो रही है। चार पहिया वाहन लेकर पहुंचे एक सज्जन ने बताया कि हड़ताल की वजह से जाम में टैंकर आदि फंसे हैं जिससे ये समस्या आ रही है। अब तो टंकी फुल कराकर ही जाना है। एक युवक ने कहा कि एक घंटे लाइन में थे तब तेल भराया कभी ऐसा आजतक हुआ ही नहीं। सरकार चाहे तो ये सब समस्या हल हो सकती है। बस स्टॉप स्थित पूर्व विधायक की टंकी पर मंगलवार दोपहर से तेल मिलना बंद था। मैनेजर ने बताया तेल खत्म हो गया है। हड़ताल के कारण टैंकर आ नहीं पाया। टैंकर आते ही तेल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 60 केन की हमारे यहां कैपासिटी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल नगर क्षेत्र में लगभग 500 केन के आसपास पेट्रोल-डीजल की खपत है।

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