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सुल्तानपुर में उर्स-ए-आला हजरत के दिन से पैगंबर इस्लाम के 1500 साला यौमे पैदाइश पर 1500 पेड़ों के लगाने के संकल्प की हुई शुरुआत।

सुल्तानपुर में उर्स-ए-आला हजरत के दिन से पैगंबर इस्लाम के 1500 साला यौमे पैदाइश पर 1500 पेड़ों के लगाने के संकल्प की हुई शुरुआत।


सुल्तानपुर यूपी 
रिपोर्ट सरफराज अहमद 

पैगंबर इस्लाम ﷺ की 1500 साला यौमे पैदाइश के मौके पर सुल्तानपुर के उलमा-ए-किराम ने जिलेभर में 1500 पेड़ लगाने का बड़ा संकल्प लिया। इस ऐतिहासिक मुहिम की शुरुआत 20 अगस्त 2025 (22 सफर 1447 हिजरी, बुधवार) को उर्स-ए-आला हजरत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी के अवसर से की गई। वृक्षारोपण अभियान को दो हिस्सों में बांटा गया है पहल शहरी इलाकों में वृक्षारोपण और दूसरा देहात क्षेत्रों में पौध वितरण कार्यक्रम।




मॉडल जूनियर हाई स्कूल परउपुर से हुआ अभियान का आगाज़




देहात क्षेत्रों में पौध वितरण की शुरुआत मॉडल जूनियर हाई स्कूल, परउपुर से की गई। सुबह कुरानख़ानी के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद उर्स-ए-आला हजरत मनाया गया, जिसमें मुफ्ती अकील अहमद क़ादरी ने इमाम अहमद रज़ा के इल्मी मकाम और उनकी विज्ञान संबंधी तहकीक़ात पर विस्तार से चर्चा की।



मुफ्ती साहब ने अपने खिताब में कहा:


“आला हजरत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी एक महान इस्लामी स्कॉलर थे, जिनकी तहकीक़ात और शिक्षाएं आज भी इंसानियत और ज्ञान के लिए मिसाल हैं।” उन्होंने पैगंबर-ए-अमन ﷺ की सीरत पर बयान करते हुए इस्लाम की खूबसूरती, भाईचारे और इंसानियत के पैगाम को विस्तार से समझाया।



“पेड़ लगाओ – जान बचाओ” के नारों से गूंजा माहौल


उर्स के बाद छात्रों, शिक्षकों और उलमा की अगुवाई में पौधारोपण के लिए जुलूस निकाला गया। जुलूस में “पेड़ लगाओ – जान बचाओ” के नारे लगाए गए और पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया।



जामिया हबीबिया में कुल शरीफ और खिताब


उसी दिन दोपहर में जामिया हबीबिया में कुल शरीफ का आयोजन किया गया। कुल शरीफ से पहले मौलानाओं ने इमाम अहमद रज़ा की सीरत पर खिताब किया और बताया कि वह न केवल एक बड़े आलिम थे, बल्कि विज्ञान, गणित और समाज सुधार में भी उनका योगदान ऐतिहासिक है।


जिलेभर की मस्जिदों में उर्स की दिखी रौनक



तंजीम उलमा-ए-सुल्तानपुर की ओर से जिले की प्रमुख मस्जिदों में भी उर्स-ए-आला हजरत का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से हबीबिया जामे मस्जिद पलटन बाज़ार, मदीना जामे मस्जिद ईदगाह, असहाब-ए-तौहीद मस्जिद दरियापुर, इमाम अहमद रज़ा मस्जिद छतौना,नूरी मस्जिद झालियावां, अमीरुल औलिया मस्जिद कमनगढ़, जामे मस्जिद मनकापुर, लोहर, दक्षिण, कजियापुर, चंदा, कोइरीपुर आदि शामिल रहे। हर मस्जिद में कुरानख़ानी, दुआएं और इस्लाम की शिक्षाओं पर बयान हुए।



अमन और हरियाली का दिया गया पैगाम





इस मौके पर उलमा ने कहा कि इस्लाम अमन, भाईचारे और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। एक पेड़ लगाना इंसानियत के लिए सवाब का काम है। हरियाली जीवन की सुरक्षा है। 1500 पेड़ लगाने की यह मुहिम जिले के लिए एक मिसाल है, जिसका उद्देश्य न केवल हरियाली बढ़ाना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण देना भी है।





कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से संस्था वीर अब्दुल हमीद अध्यक्ष मक़बूल अहमद नूरी, शकील खान सपा नेता, एजाज खान गुड्डू सभासद, गुलाम मोईनुद्दीन, सिराज अहमद भोला, नौशाद अहमद, हाजी साहब पप्पू चप्पल ,सिराजुद्दौला क़ादरी मैनेजर मॉडल जूनियर हाई स्कूल, मौलाना सोहेल अहमद, मौलाना खालिद रज़ा, मुफ्ती अकील क़ादरी, मौलाना रब्बानी, मौलाना शकील मिस्बाही, मौलाना कोसर, मौलाना साबिर अली, मौलाना महबूब, मौलाना बिलाल, मुफ्ती रमज़ान, हसीब अत्तारी, मुहम्मद मुहतमीम, जामिया हबीबिया के शिक्षक-तलबा सहित कई शिक्षक, छात्र और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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