पीएचडी की उपाधि से डॉ अर्चना शुक्ला ने बढ़ाया जिले का मान सम्मान।

पीएचडी की उपाधि से डॉ अर्चना शुक्ला ने बढ़ाया जिले का मान सम्मान।



उत्तराखंड की महाराजा अग्रसेन हिमालयन यूनिवर्सिटी से अर्चना शुक्ला को मिली पीएचडी की उपाधि नगर के विवेकानंद नगर की हैं निवासी।।



क्या रहा अभी तक अर्चना शुक्ला का शोध फैक्टर..


नगर के विवेकानंद नगर निवासी डॉ अर्चना शुक्ला पुत्री आद्या शंकर ने गृह विज्ञान में पीएचडी की उपाधि पाया है। उन्हें उत्तराखंड के गढ़वाल स्थित महाराजा अग्रसेन हिमालयन यूनिवर्सिटी से यह उपाधि मिली है। उन्होंने अपने शोध में मुख्य रूप से अभी तक गृह विज्ञान में विषय रिलेशन शिप वेटवीन सोशियो इकोनॉमिक फैक्टर्स एंड न्यूट्रीशनल स्टेटस इमंग चिल्ड्रेन (6 to 14 years ) इन रूरल एरियास ऑफ डिस्टिक सीतापूर उत्तर प्रदेश अपना शोध किया है। अपनी उपलब्धि के लिए डॉ अर्चना शुक्ला ने पूरा श्रेय परिवारीजनों के साथ साथ अपनी गाइड और लाइफलाइन मानने वाली डॉ अनीता वर्मा को दिया है। आपको बताते चले सुल्तानपुर जिले की विवेक नगर निवासी डॉक्टर अर्चना शुक्ला को मिली पी.एच.डी. की उपाधि से परिवार जनों व उनके शुभचिंतकों में खुशी का माहौल है और बोली हमें शुरू से ही परिवार का पूरा सहयोग मिला, अपने क्षेत्र व जिले वासियों से यही कहूंगी आप लोग भी महिलाओं की शिक्षा व्यवस्था पर बल दे,शिक्षा को पूरी तरह से ग्रहण करें और कभी भी शिक्षा को अधूरा न छोड़ें क्योंकि शिक्षा ही सब कुछ है बिना शिक्षा के कुछ भी जीवन में संभव ही नहीं हो सकता।



डॉक्टर अर्चना शुक्ला का क्या है लक्ष्य..
 

अर्चना शुक्ला आगे कहती है की मेरे जीवन का लक्ष्य असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दूं साथ ही साथ महिलाओं को लेकर समाज में हो रही उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाते हुए ज्यादा से ज्यादा बच्चियों और महिलाओं को शिक्षित बनाने का बीड़ा उठाएंगी। महिलाओं को सीधे तौर पर संदेश देते हुए बोली की शिक्षा कभी अधूरी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने समाज के बने ताने बाने पर भी सवाल खड़े करते हुए बोली की जागरूकता की कमी के कारण बच्चियों की कम और छोटी उम्र में ही शादी कर दी जातो है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। पूरी शिक्षा देने और उनके आगे के भविष्य के बारे मे माता-पिता जरूर सोचें क्योंकि आपक यह निर्णय उनके भविष्य की प्रगति और सामाजिक विकास को सुदृढ़ बनाने का सवाल खड़ा हो जाता है।

रिपोर्ट/सरफराज अहमद