संपूर्ण केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का सीजीएम ने दिया आदेश।
हत्याकांड में चार्जशीटेड अभियुक्त के अलावा अन्य आरोपियों की उपस्थिति एवं विवेचना से सम्बंधित शेष साक्ष्य जुटाने को लेकर एसपी के निर्देश के बाद भी विवेचक के जरिये आदेशिका प्राप्त करने में कोई रुचि न लेने का तथ्य सामने आने पर कोर्ट ने लिया संज्ञान। सीजेएम ने आगामी एक अगस्त के लिए विवेचक को सम्पूर्ण केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से किया है तलब।
निष्पक्ष जांच के लिए सौंपा गया था R.B. सुमन को जांच।
तत्कालीन नगर कोतवाल श्रीराम पाण्डेय से तफ्तीश से हटाकर निष्पक्ष जांच के इरादे से बल्दीराय थाना प्रभारी राम विशाल सुमन को सौंपी गई थी जांच। सीजेएम नवनीत सिंह ने विवेचक को शेष अभियुक्तों की विवेचना व केस से जुड़े साक्ष्यो को जुटाने के लिए दिए थे कड़े निर्देश।
आरोपियों के प्रति नरमी बरतने का अभियोजन पक्ष का आरोप।
पुलिस ने अकेले अजय सिंह सिलावट के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में चार्जशीट की थी दाखिल। शेष आरोपियो के प्रति विवेचक के जरिये नरमी बरतने व सही साक्ष्य संकलन न करने का अभियोजन पक्ष ने लगाया है आरोप। सीजेएम ने जेल में निरुद्ध अजय सिंह सिलावट की पत्रावली प्रसंज्ञान आदेश को लेकर की है पृथक। शेष आरोपियो के प्रति अग्रिम विवेचना का दिया था आदेश। कोर्ट ने एसपी को भी आदेश की प्रति भेजने का दिया था आदेश। 19 जुलाई के लिए कोर्ट ने अग्रिम जांच रिपोर्ट की थी तलब। फिलहाल विवेचक ने नहीं पेश की कोई रिपोर्ट,न ही पेश की कोई अर्जी। कोर्ट के आदेश को हवा में लेते है पुलिस अफसर। जांच में जो भी साक्ष्य सामने आये आखिर उसे पेश करने में इंस्पेक्टर राम विशाल सुमन को क्या है परेशानी,उठ रहे सवाल।
सीजेएम कोर्ट में पड़ी मॉनिटरिंग अर्जी।
मृतक विजय नारायण सिंह के बड़े भाई सतीश नारायण सिंह ने सीजेएम कोर्ट में दी है मॉनिटरिंग अर्जी। अधिवक्ता अरबिन्द सिंह राजा अभियोजन पक्ष से कर रहे है केस की पैरवी। अभियोजन पक्ष के आरोप के मुताबिक पुलिस ने मात्र अजय सिंह सिलावट से जुड़े वीडियो को बनाया है विवेचना का पार्ट। आरोप के मुताबिक अन्य आरोपियों से जुड़े साक्ष्य यानी पल्लवी होटल के अंदर स्थित बार-रूम व अन्य सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने नहीं बनाया विवेचना का पार्ट। अन्य आरोपियों के प्रति जान-बूझकर साक्ष्य संकलन न करने का लग रहा आरोप। घटना के दौरान सभी आरोपियों को एक-दूसरे से जुड़े होने व पूरी संलिप्तता होने का वादी पक्ष ने लगाया है आरोप। वादी पक्ष ने कोर्ट में पैरवी कर पुलिस की तफ्तीश पर उठाया है सवाल,जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विवेचना में फाल्ट मानते हुए पिछली पेशी पर अग्रिम जांच का दिया था आदेश।
पॉश इलाके के पल्लवी होटल के सामने ताबड़तोड़ गोली मारकर हुई थी विजय नारायण की हत्या।
मामले में मुख्य आरोपी अजय सिंह सिलावट को बरामद हथियार के साथ पुलिस ने घटना के बाद गिरफ्तार कर की थी जेल भेजने की कार्रवाई। जिला कारागार में निरुद्ध है अम्बेडकर नगर का रहने वाला हत्यारोपी अजय सिंह सिलावट। बीते सात अप्रैल की शाम कोतवाली नगर क्षेत्र के दरियापुर स्थित अति व्यस्ततम इलाके में पल्लवी होटल के सामने ताबड़तोड़ गोली मारकर हुई थी विजय नारायण की हत्या एवं गोली लगने से अनुज शर्मा हुआ था घायल। मृतक के भाई सतीश नारायण सिंह ने मुख्य आरोपी अजय सिंह सिलावट समेत करीब आधा दर्जन लोगो के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचकर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए दर्ज कराया था गम्भीर धाराओं में मुकदमा।
परिजनों ने की थी निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग।
विजय नारायण के परिजनो ने डॉ घनश्याम तिवारी हत्याकांड से भी जोड़कर साजिशन हत्या की वारदात को अंजाम देने का बताया है मामला। फिलहाल मुकदमे में नामजद डॉ घनश्याम तिवारी की पत्नी निशा तिवारी,जयंत मिश्रा,दीपक मिश्रा व अन्य ने अपने को बताया था निर्दोष। उनके मुताबिक हत्या की घटना में नहीं है उनकी संलिप्तता,गलत तरीके से फंसाने के प्रयास का है आरोप। सभी आरोपियो की घटना में वास्तविक भूमिका की जांच कर परिजनों ने की थी निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग। पुलिस ने घटना स्थल व उसके आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे से जुटाए थे कई महत्वपूर्ण साक्ष्य। फिलहाल तत्कालीन नगर कोतवाल श्रीराम पाण्डेय के जरिये इन्हीं सब साक्ष्यो से छेड़छाड़ कर आरोपियो के अनुचित प्रभाव में विवेचना करने व आरोपियों को संरक्षण देने का लगाया गया था आरोप। ऐसे ही गम्भीर आरोप लगाते हुए मृतक के परिजनों ने एसपी सोमेन वर्मा से शिकायत कर की थी विवेचना ट्रांसफर की मांग। मामले से जुड़े दोनों ही पक्ष अपने-अपने पक्ष को सही साबित करने को लेकर हर स्तर पर आजमा रहे दांव। पुलिस की तफ्तीश एवं कोर्ट की कार्यवाही में क्या आता है परिणाम,भविष्य में सब कुछ होगा साफ।