सुल्तानपुर, यूपी
@सरफराज अहमद #NOW NATAION LIVE:___
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के अफलेपुर गांव में सरकारी राशन वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान अनवारूल हक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल जांच की मांग की है। आरोप है कि अनुसूचित जाति की महिला कोटेदार गायत्री देवी के नाम पर संचालित राशन की दुकान पर दिलशाद नामक एक दबंग व्यक्ति ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि गरीबों के हक को छीनने की साजिश को भी दर्शाता है।
घोटाले का खुलासा
अफलेपुर गांव में राशन वितरण प्रणाली, जो गरीबों और जरूरतमंदों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई थी, अब भ्रष्टाचार और दबंगई का अड्डा बन चुकी है। ग्राम प्रधान अनवारूल हक के अनुसार, गायत्री देवी, जो कि अनुसूचित जाति से हैं और जिन्हें कोटेदार के रूप में राशन दुकान आवंटित की गई थी, उनकी दुकान पर दिलशाद नामक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है। यह व्यक्ति कथित तौर पर पूर्वांचल के माफियाओं से संबंध रखता है और असलहों के साथ अपनी तस्वीरें खींचवाकर इलाके में दबंगई का प्रदर्शन करता है। ग्रामीणों का कहना है कि दिलशाद अपनी मर्जी से अपने घर से राशन बांट रहा है, जिसके कारण पात्र लाभार्थियों को उनका पूरा राशन नहीं मिल पा रहा है।ग्रामीणों की शिकायतगांव के लोगों ने बताया कि राशन वितरण में भारी अनियमितताएं हो रही हैं। कई बार उन्हें कम मात्रा में राशन दिया जाता है, जबकि कुछ मामलों में राशन कार्डधारकों को बिना किसी कारण के खाली हाथ लौटना पड़ता है। यह स्थिति विशेष रूप से गरीब और अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन रही है, जो सरकारी राशन पर निर्भर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दिलशाद की दबंगई के कारण कोई भी खुलकर उसके खिलाफ शिकायत करने से डरता है।
ग्राम प्रधान का कदम और प्रशाशन से मांग
ग्राम प्रधान अनवारूल हक ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल जांच की मांग की है। उनके पत्र में कहा गया है कि राशन दुकान की जिम्मेदारी वास्तविक कोटेदार गायत्री देवी को वापस सौंपी जाए, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से राशन वितरण हो सके। उन्होंने यह भी मांग की है कि दिलशाद के अवैध कब्जे और उसकी दबंगई की जांच की जाए, जिसमें उसके माफिया संबंधों और असलहों के प्रदर्शन को भी शामिल किया जाए। ग्राम प्रधान ने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि गरीबों का हक उन तक पहुंचे और राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे।