Ads Area

सुल्तानपुर में सिंचाई विभाग कर्मचारियों का एकदिवसीय धरना: शासनादेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।

सुल्तानपुर में सिंचाई विभाग कर्मचारियों का एकदिवसीय धरना: शासनादेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।

सुल्तानपुर, यूपी 

@अनिल कुमार गौतम #NOW NATION LIVE 
उत्तर प्रदेश सरकार के 14 मई 2025 के शासनादेश, जिसके तहत सिंचाई विभाग के 13 महत्वपूर्ण पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया, इसके विरोध में आज सुल्तानपुर के तिकोनिया पार्क में सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति ने एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया। इस आंदोलन में सैकड़ों कर्मचारियों ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की और शासन को इस कर्मचारी व किसान विरोधी निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की।

धरने की अगुवाई और मांगें

संघर्ष समिति के संयोजक विनय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस धरने में कर्मचारियों ने शासनादेश को निरस्त करने की मांग को लेकर एक मांग पत्र भी सौंपा। समाप्त किए गए पदों में सींचपाल, नलकूप चालक, जिलेदार, हेडमुंशी, मुंशी, उप राजस्व अधिकारी, आर्मेचर, बाइंडर, पेंटर, टरबाइन ऑपरेटर, टेलीफोन ऑपरेटर, वेट क्लर्क जैसे अति आवश्यक पद शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इन पदों की समाप्ति से न केवल उनकी आजीविका पर संकट मंडराएगा, बल्कि प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था और किसानों के हितों पर भी गहरा आघात होगा।

कर्मचारियों का गुस्सा:शासनादेश कर्मचारी और किसान विरोधी

धरने को संबोधित करते हुए संयोजक मुन्ना लाल वर्मा ने शासनादेश को कर्मचारी और विशेषकर किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा, "यह निर्णय सरकार की उस मंशा को दर्शाता है, जो सिंचाई व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपकर किसानों का शोषण करना चाहती है। हम इस शासनादेश को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे और जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।" सहसंयोजक जेपी यादव ने भी शासन से इस आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की, जबकि संगठन के उपाध्यक्ष विजय पुरी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।सहसंयोजक शत्रुघ्न प्रसाद तिवारी, राकेश कुमार बौद्ध, चंद्रकेश और बृजभूषण शुक्ला ने भी शासनादेश की कड़ी आलोचना की। सर्वेदेव शुक्ला ने इसे "कर्मचारियों की कमर तोड़ने वाला" कदम बताया और कहा कि यह न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश की कृषि व्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगा।

कर्मचारियों की एकजुटता और चेतावनी

धरने में शामिल कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार को चेतावनी दी कि यदि 14 मई 2025 का शासनादेश वापस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि यह केवल उनके रोजगार का सवाल नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका और प्रदेश की कृषि व्यवस्था को बचाने का भी सवाल है। इस मौके पर इंजीनियर मनोज गुप्ता, दिलीप सिंह, राकेश कुमार सिंह, अशोक कुमार, राम दुलार यादव, हनीश त्रिपाठी, अर्जुन मौर्य, अलोक मौर्य, पवन कुमार, रजनीश वर्मा, सुकेश कुमार सोनकर, अरविंद यादव, शिव पूजन, जावेद, फूलचंद्र वर्मा, शिव प्रसाद पांडेय, अजय कुमार गौतम, सूर्यकांत, अरुण कुमार सोनकर, प्रदीप कुमार, हेमचंद्र, बृजेश कुमार सहित जिले के तमाम सिंचाई विभाग कर्मचारी मौजूद रहे।

Top Post Ad

Below Post Ad