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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष अजादार हुसैन की कथित पिटाई कांड का खुलासा..

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष अजादार हुसैन की कथित पिटाई कांड का खुलासा..

सुल्तानपुर यूपी 

षडयंत्र रचने, अवैध कब्जे और फर्जीवाड़े का लगा गंभीर आरोप!


सुल्तानपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजादार हुसैन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। उन पर हसन मेहदी खान नामक पीड़ित ने सरकारी और गैर-सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने, फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है और भाजपा नेता की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।हसन मेहदी खान ने आरोप लगाया कि अजादार हुसैन अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी बैनामों और पट्टों के जरिए जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। पीड़ित का दावा है कि अजादार के पिता ने उन्हें 15 बिस्वा जमीन बेची थी, लेकिन अब जब जमीन की कीमत बढ़ गई है, तो भाजपा नेता उस पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और मूल्य चुकाने से इनकार कर रहे हैं। हसन मेहदी ने यह भी खुलासा किया कि अजादार हुसैन पर पहले भी एक महिला की जमीन को जालसाजी से अपने नाम कराने का आरोप लग चुका है, जिसके चलते कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।आरोपों की गंभीरता यहीं तक सीमित नहीं है।

 

कोतवाली नगर थाने में दर्ज़ है कई मुकदमे..

कोतवाली नगर थाने में अजादार हुसैन के खिलाफ कई अन्य मामले दर्ज हैं, जिनमें धारा 420 (धोखाधड़ी), 419 (प्रतिरूपण), और 307 (हत्या का प्रयास) जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं। पीड़ित हसन मेहदी ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और अजादार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “इनका रसूख कानून से भी बड़ा हो गया है। यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो आम जनता का सिस्टम से भरोसा उठ जाएगा।”हाल ही में, अजादार हुसैन एक अन्य विवाद में भी शामिल थे, जब जमीनी विवाद को लेकर उनकी कथित पिटाई का मामला सामने आया। 



प्रकरण की निष्पक्ष और गहनता से जांच की मांग

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के अनुसार, इस घटना में घायल अजादार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और पुलिस ने उनकी तहरीर पर पांच नामजद सहित कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।यह मामला न केवल अजादार हुसैन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा की स्थानीय इकाई की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा छेड़ता है। जनता और पीड़ितों की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की गहन जांच हो, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिले। फिलहाल, इस मामले में पुलिस और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।


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