सुल्तानपुर से उठी नेकी की पहल – पैगंबर की 1500वीं सालगिरह पर 1500 पेड़ और बुराइयों के खिलाफ जंग
सुल्तानपुर यूपी
रिपोर्ट सरफराज अहमद
अल्लामा फ़ज़ले हक़ ख़ैराबादी को याद करते हुए सम्मेलन
7 अगस्त 2025 को सुल्तानपुर की मदीना मजीद ईदगाह में एक खास सम्मेलन हुआ। इसे “जश्न-ए-मुजाहिद-ए-आज़ादी” नाम दिया गया और यह 1857 की जंगे-आज़ादी के वीर सिपाही अल्लामा फ़ज़ले हक़ ख़ैराबादी की शहादत को समर्पित था। शहर और आसपास की 50 से ज़्यादा मस्जिदों के इमाम और उलमा इसमें शामिल हुए। कुरान पाक की तिलावत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, नात और मन्क़बत पेश की गईं। वक्ताओं ने बताया कि अल्लामा ख़ैराबादी ने जिहाद का फतवा देकर आज़ादी की लड़ाई में नई जान डाली और इसके लिए भारी कुर्बानी दी।
1500 पेड़ लगाने का फैसला
बैठक में तय हुआ कि पैगंबर इस्लाम की 1500वीं सालगिरह के मौके पर पूरे सुल्तानपुर में 1500 पेड़ लगाए जाएंगे। इस नेक काम के लिए कई लोगों ने आगे आकर मदद का ऐलान किया। मक़बूल नूरी साहिब ने अकेले 112 पेड़ देने की घोषणा की, जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी ने सराहना की।
बुरी आदतों के खिलाफ जुलूस
सम्मेलन में यह भी निश्चय किया गया कि रबी-उल-अव्वल में एक जागरूकता जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें शराब, जुआ, नाच-गाना और डीजे जैसी बुरी आदतों के खिलाफ संदेश दिया जाएगा। पैगंबर साहब की शिक्षा के अनुसार, समाज को इन बुराइयों से बचाने का संदेश आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
नेकी के और कामों की योजना
उलमा ने 12 दिन तक मुफ्त जल-शिविर लगाने, सरकारी अस्पतालों में मरीजों को फल और जरूरी सामान देने, अच्छे प्रदर्शन करने वाले छात्रों को “पैगंबर इस्लाम अवार्ड” देने, और हर मस्जिद में सीरत-ए-मुस्तफा पर महफ़िल आयोजित करने का संकल्प लिया। साथ ही, गुमराह नौजवानों को सही रास्ते पर लाने और उलमा के बीच एकता बनाए रखने का भी फैसला किया गया।
सम्मेलन का पैग़ाम
इस सम्मेलन का पैग़ाम साफ था – शरीयत के अनुसार जीवन, बुराइयों से दूरी, इंसानियत की भलाई और पर्यावरण की रक्षा। पेड़ लगाना भविष्य की पीढ़ियों के लिए तोहफा है और बुरी आदतों के खिलाफ जागरूकता समाज के लिए सुरक्षा कवच।