सुल्तानपुर यूपी
रिपोर्ट सरफराज अहमद
79वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “हर घर तिरंगा” और तिरंगा यात्रा के आह्वान को साकार रूप देने के लिए कलान सुल्तानपुर में एक अभूतपूर्व तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन का नेतृत्व डॉ. वेद प्रकाश सिंह “राजू भइया”, प्रबंध निदेशक, श्री विश्वनाथ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने किया। उनके मार्गदर्शन और प्रबंधन में यह यात्रा पूरी तरह अनुशासित, भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई।
जोश और उमंग का अनोखा नज़ारा
तिरंगा यात्रा के दौरान देशभक्ति का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पूरा क्षेत्र मानो आज़ादी के रंग में डूब गया हो। सुबह से ही लोग तिरंगे हाथों में लिए, वाहनों को तिरंगे से सजाए, जोश और गर्व से यात्रा में शामिल होने के लिए एकत्रित होने लगे। 2000 से अधिक दो-पहिया वाहन और 100 से अधिक चार-पहिया वाहन इस यात्रा का हिस्सा बने। हर वाहन पर लहराता तिरंगा, देशभक्ति गीतों की धुन और “भारत माता की जय” के गगनभेदी नारे वातावरण को जीवंत कर रहे थे।
यात्रा का मार्ग और प्रमुख पड़ाव
तिरंगा यात्रा की शुरुआत कलान पी.जी. कॉलेज से हुई। यह यात्रा देवनगर, अखण्डनगर, अलीपुर और मुड़िला जैसे प्रमुख स्थलों से गुजरते हुए कादीपुर (पटेल चौक) पहुंची। रास्ते भर स्थानीय नागरिक, व्यापारी और स्कूली बच्चे तिरंगा यात्रा का स्वागत करते रहे। कई जगहों पर फूलों की वर्षा हुई, तो कहीं ढोल-नगाड़ों की थाप ने यात्रा में और उत्साह भर दिया।
लौहपुरुष को श्रद्धांजलि
कादीपुर के पटेल चौक पर पहुंचकर यात्रा का समापन लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। डॉ. वेद प्रकाश सिंह “राजू भइया” ने सरदार पटेल के देश निर्माण में योगदान को याद करते हुए सभी से उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
गरिमामय उपस्थिति
इस अवसर पर क्षेत्र के सभी प्रतिष्ठित नागरिक, भाजपा कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
एकता और देशप्रेम का संदेश
तिरंगा यात्रा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह एकता, भाईचारे और देशप्रेम का प्रतीक बनी। इसने यह संदेश दिया कि जब बात तिरंगे की हो, तो पूरा देश, हर वर्ग, हर समुदाय एक साथ खड़ा होता है।
डॉ. वेद प्रकाश सिंह “राजू भइया” के कुशल नेतृत्व, सूझबूझ और संगठन क्षमता ने इस यात्रा को एक ऐतिहासिक और यादगार रूप प्रदान किया, जिसे आने वाले वर्षों तक क्षेत्रवासी गर्व के साथ याद करेंगे।