सुल्तानपुर में पैग़म्बरे इस्लाम मोहम्मद साहब के 1500वें जन्मोत्सव पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर।
सुल्तानपुर यूपी...
रिपोर्ट: सरफराज अहमद
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के 1500वें जन्मोत्सव के अवसर पर रविवार को ईदगाह चौराहा स्थित आशीर्वाद मैरिज प्वाइंट पर निःशुल्क स्वास्थ्य एवं जांच शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक चला, जिसमें सैकड़ों मरीजों ने लाभ उठाया। कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत और विलादते नाते पाक के साथ देश में स्वास्थ और शांति के लिए दुवाएं की गई।
इस स्वास्थ्य शिविर में शहर के जाने-माने डॉक्टरों का पैनल मौजूद रहा। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. ए.के. सिंह ने संस्था वीर अब्दुल हमीद के अध्यक्ष मकबूल अहमद नूरी के सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होते हैं। उन्होंने अपील की कि समाज के लोग इस तरह के जनसेवा कार्यों में आगे आएं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधाकर सिंह ने कहा कि बीपी और शुगर जैसी बीमारियों की समय रहते पहचान और उपचार बेहद ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि इस तरह के नियमित शिविर गंभीर बीमारियों से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं।
शिविर में मरीजों की भारी भीड़ रही, जिन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पूरी तन्मयता के साथ परामर्श और दवाएं दीं। इस मौके पर शुभांगी हॉस्पिटल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजेश गौतम, डॉ. एस. अहमद, डॉ. ताबिश नोमानी (बाल रोग), डॉ. जीशान अहमद (दंत रोग), डॉ. सौरभ कुमार (न्यूरो एवं मानसिक रोग), डॉ. आर. अहमद (नाक, कान, गला), डॉ. सज्जाद (बाल रोग), डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह (नेत्र रोग – सनबीम आई हॉस्पिटल), डॉ. नदीम फारुकी, डॉ. मेराज खान, डॉ. कादिर खान (आरोग्य हॉस्पिटल), और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. फरहा नाज जैसे प्रख्यात डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दीं।
कार्यक्रम की सफलता में पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद, महेश दत्त, संस्था और कमेटी के जिम्मेदार लोग भी शामिल रहे। शिविर का आयोजन मौलाना मुफ्ती अकील अहमद मिस्बाही और काज़िए शहर मौलाना अब्दुल लतीफ के संरक्षण में सम्पन्न हुआ।
इस निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से न केवल मरीजों को राहत मिली बल्कि समाज सेवा का संदेश भी पूरे शहर में फैल गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौलाना महबूब रज़वी, मौलाना बिलाल अहमद नूरी,रमजान अहमद मिस्बाही,मौलाना नदीम,मौलाना इमरान बरकाती,कारी गुलाम रब्बानी,मौलाना शहरयार मिस्बाही,हाफिज शहजाद,हाफिज मुर्शिद समेत बड़ी संख्या में सुन्नी विद्वान मौजूद रहे।